पेट में जमा जिद्दी चर्बी से छुटकारा चाहते हैं? फॉलो करें ये 5 आयुर्वेदिक उपाय, तेजी से घटेगा बैली फैट
Ayurvedic Tips To Reduce Belly Fat: पेट की चर्बी कम करने में कुछ आयुर्वेदिक उपाय आपकी बहुत मदद कर सकते हैं, जानें 5 उपाय और कम करने बैली फैट।
Ayurvedic Tips To Reduce Belly Fat In Hindi: अक्सर हम देखते हैं कि बहुत से लोगों के शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में पेट के एरिया में अधिक चर्बी देखने को मिलती है। पेट में जमा यह जिद्दी चर्बी कई गंभीर रोगों के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। इसलिए इसे कम करना बहुत जरूरी है। लेकिन बहुत से लोग पेट की चर्बी कम करने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन जब उन्हें परिणाम नहीं मिलते हैं तो वे काफी निराश हो जाते हैं और स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो करना छोड़ देते हैं। लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में पेट की चर्बी को कम करना काफी मुश्किल होता है, इसके लिए आपको अच्छी डाइट के साथ नियमित इंटेस वर्काउट करने की आवश्यकता होती है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. भुवनेश्वरी के अनुसार पेट में जमा यह जिद्दी चर्बी हमारी जीवनशैली की खराब आदतें, गतिहीन जीवनशैली और जंक, प्रोसेस्ड, ज्यादा तला-भुना खाने का परिणाम है। इसे कम करने में काफी समय लगता है, इससे छुटकारा पाने का कोई इंस्टेंट उपाय नहीं है। हालांकि अगर आप संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें, तो इसके साथ कुछ आयुर्वेदिक उपायों को फॉलो करके अपने बैली फैट लॉस जर्नी में तेजी ला सकते हैं। इस लेख में हम आपको बैली फैट कम करने के 5 आयुर्वेदिक उपाय बता (pet ki charbi kam karne ke ayurvedic upay) रहे हैं।


पेट की चर्बी कम करने के आयुर्वेदिक उपाय- Ayurvedic Remedies To Reduce Belly Fat In Hindi
1. अग्नि को बढ़ाएं
हमारी शारीरिक और पाचन अग्नि आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के बेहतर पाचन और मेटाबॉलिज्म की दर को तेज करने में अहम भूमिका निभाती है। शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने के लिए अग्नि तेज होना बहुत जरूरी है। इसलिए आपको गर्म तरल पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए और ठंडे फूड्स, ड्रिंक्स से परहेज करना चाहिए।
2. पूरा दिन गर्म पानी पिएं
अगर आप पूरा दिन गुनगुने या गर्म पानी का सेवन करते हैं, तो इससे शरीर की अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। साथ ही इससे आपका पाचन भी दुरुस्त होता है, साथ ही भोजन को पचाने और इससे पोषक तत्वों के अवशोषण में भी आसानी होती है। यह मेटाबॉलिज्म की दर को भी तेज करता है, जिससे आप अधिक तेजी से कैलोरी बर्न करते हैं।
3. डिनर 7 बजे तक कर लें
आयुर्वेद यह सुझाव देता है कि जैसे जैसे दिन ढलने लगता है, तो हमारी पाचन अग्नि भी कमजोर हो जाती है। हमारी पाचन अग्नि सूर्य की नकल करती है। जब सूर्य निकलता है तो पाचन अग्नि भी मंद होती है, दोपहर में तेज और दिन ढलने के साथ फिर से मंद हो जाती है। अगर आप सूरज ढलने के बाद कुछ भारी खाते हैं, तो इसे पचने में अधिक समय लगता है और भोजन ठीक से पच नहीं पाता है, अनपचा भोजन चर्बी बढ़ाने में योगदान देता है।
4. चबा-चबा कर भोजन करें
आयुर्वेद के अनुसार भोजन को मन लगाकर और अच्छी तरह चबा-चबा कर खाना चाहिए। इससे भोजन में लार और पाचक रस अच्छी तरह मिल जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हमारे द्वारा खाया जाने वाले भोजन मुंह में 70% तक पचने योग्य हो जाते है। इसलिए आपको भोजन अच्छी तरह-चबाकर और शांति पूर्व करना चाहिए।
5. कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स हैं मददगार
सुबह खाली पेट पानी में जीरा, सौंफ, अदरक, दालचीनी, धनिया जैसी हर्ब्स और मसाले में से कोई भी एक उबालकर, इनमें शहद मिलाकर पीने से वजन घटाने में बहुत लाभ मिलता है। इसके अलावा त्रिफला, आंवला, गुडुची का चूर्ण भी वजन घटाने में मदद करता है। आप किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से इनके सेवन सही तरीका पूछ सकते हैं।
अगर आप संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के साथ इन सरल टिप्स को फॉलो करते हैं, तो आपको जल्द स्लिम और फ्लैट बैली पाने में मदद मिलेगी।
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