Eye Care In Diabetes: बढ़ता ब्लड शुगर आपकी आंखों को पहुंचाता है नुकसान, डॉक्टर ने मैनेज करने का सही तरीका

Dry eye syndrome in diabetes: डायबिटीज एक गंभीर और क्रोनिक समस्या है, जिसे अगर समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो स्वास्थ्य से जुड़ी कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं। इस लेख में जानें सेहत डायबिटीज में होने वाली आंखों की बीमारियों के बारे में।

ड्राई आई सिंड्रोम (डीईएस) आंखों से जुड़ी एक कॉमन प्रॉब्लम है, जो तब होती है जब आपकी आंखें पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बना पातीं या आपके आंसुओं की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती। इसकी वजह से आंखों में लालिमा और जलन महसूस होने लगती हैं, यहां तक कि आपको इसकी वजह से कभी कभी धुंधला भी दिखने लगता है। डीईएस के कई कारण हैं, जैसे उम्र बढ़ना, हॉर्मोनल बदलाव, पर्यावरणी कारक आदि। हाल ही में हुए अध्ययनों से साफ हो गया है कि डायबिटीज़ और डीईएस के बीच क्या संबंध है। डिपार्टमेन्ट ऑफ डायबिटीज़ एण्ड एंडोक्राइनोलोजी और एडिशनल डायरेक्टर डॉक्टर विमल उपरेती ने डायबिटीज और ड्राई आई सिंड्रोम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी। डॉक्टर ने बताया कि डायबिटीज एक क्रोनिक बीमारी है, जिसमें ब्लड शुगर सामान्य से ज्यादा बढ़ने पर शरीर के अन्य अंगों के साथ-साथ आंखों की रक्त वाहिकाओं पर भी असर पड़ता है और इसके कारण कई जटिलताएं पैदा हो जाती हैं। आंखों की नज़र कमज़ोर होना। वास्तव में डायबिटीज़ के मरीज़ों में आंखां की बीमारियों जैसे डायबिटीज रेटिनोपैथी, कैटेरेक्ट और ग्लुकोमा की संभावना अधिक होती है। लेकिन क्या डायबिटीज़ की वजह से डीईएस भी हो सकता है

डायबिटीज और ड्राई आई सिंड्रोम के बीच संबंध
कई अध्ययनों से पता चला है कि डायबिटीज़ और डीईएस का एक दूसरे से संबंध है। जर्नल डायबिटीज़ केयर में छपे एक अध्ययन के मुताबिक डायबिटीज़ के मरीज़ों में डीईएस की संभावना अन्य लोगों की तुलना में अधिक होती है। इस अध्ययन में a thousand लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें पता चला कि डायबिटीज़ के मरीज़ों में डीईएस की संभावना अधिक पाई गई।

जर्नल आई एण्ड कॉन्टैक्ट लैंस में छपे एक और अध्ययन में पाया गया कि डायबिटीज़ के मरीज़ों की आंखों में आंसू कम बनते हैं या उनके आंसुओं की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती। इस अध्ययन में यह भी पता चला कि ब्लड शुगर लैवल ज़्यादा होने से आंसु बनाने वाले ग्लैण्ड्स को नुकसान पहुंचता है, जिससे डीईएस की संभावना बढ़ जाती है।

डायबिटीज में ड्राई आई सिंड्रोम कैसे मैनेज करें
अगर आपको डायबिटीज़ है और आप डीईएस के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो ज़रूरी है कि आप डॉक्टर से बात करें। वे आपके लक्षणों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इसके लिए उपाय बताएंगे जैसे आर्टीफिशियल टियर्स, आई ड्रॉप या यहां तक कि सर्जरी। यहां हम कुछ और सुझाव बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप डीईएस का बेहतर प्रबन्धन कर सकते हैं और अगर आपको डायबिटीज़ है जो आप अपनी आंखों के स्वास्थ्य की बेहतर

देखभाल करने के कुछ तरीके
अपने ब्लड शुगर लैवल पर नियन्त्रण रखें: ब्लड शुगर बढ़ने से आंखों एवं अन्य अंगों की ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचता है, जिससे डीईएस सहित कई समस्याएं हो सकती हैं। दवाओं, आहार और व्यायाम से ब्लड शुगर पर नियन्त्रण रखकर आप आंखों की समस्याओं की संभावना को कम कर सकते हैं।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपकी आंखें और शरीर हाइड्रेट रहता है, जिससे डीईएस की संभावना कम हो जाती है।

स्क्रीन से ब्रेक लें: लम्बे समय तक स्क्रीन के सामने रहने से भी डीईएस के लक्षण दिखने लगते हैं। इसलिए अपने फोन, कम्प्यूटर, टैबलेट से ब्रेक लें और बीच बीच में अपनी पलकें झपकाते रहें, ताकि आंखों में नमी बनी रहे।

आंखों को धूप से सुरक्षित रखें: सूरज से निकलने वाली यूवी किरणों से डीईएस के लक्षण बढ़ सकते हैं। इसलिए धूप में जाते समय one hundred फीसदी यूवी प्रोटेक्शन वाला चश्मा पहनें, ताकि आपकी आंखें धूप से सुरक्षित रह सकें।

धूम्रपान न करें: धूम्रपान से डीईएस के लक्षण और भी गंभीर हो सकते हैं, इससे आंखों की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ने के लिए डॉक्टर की मदद लें।

कुल मिलाकर ड्राई आई सिंड्रोम एक आम स्थिति है, जिसमें आप आंखों में असहजता महसूस करते हैं और आपको नज़र की समस्या हो सकती हैं अगर आपको डायबिटीज़ है तो ब्लड शुगर लैवल बढ़ने से डीईएस होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए डायबिटीज़ को नियन्त्रित रखकर और उपर दिए गए सुझावों को अपनाकर आप डीईएस की संभावना को कम कर सकते हैं और अपनी आंखों को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।

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