GodFather Movie Review: चिरंजीवी की फिल्म में चमका ‘रामसेतु’ का सितारा, परदे पर अरसे बाद दिखा लकी नंबर 786

छोटे परदे पर अपने नियमित रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ के अगले सीजन के साथ लौट चुके सलमान खान इस साल बड़े परदे पर भी आ ही गए। दक्षिण भारतीय सिनेमा को लेकर हिंदी सिनेमा की ललक अभी तक वहां की फिल्मों का रीमेक बनाने तक ही रही है लेकिन साल 2022 कई नए चलन सिनेमा को दिखा रहा है। अब हिंदी सिनेमा के सितारे वहां की फिल्मों को लपक रहे हैं। फिल्म ‘गॉडफादर’ सलमान खान की पहली तेलुगू फिल्म है। चर्चा ये भी रही है कि सलमान खान ने चिरंजीवी के लिए एक तरह से ये दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे चिरंजीवी इस फिल्म में मुख्यमंत्री पद के लिए मचे घमासान का केंद्र बिंदु हैं। इस ‘एहसान’ का बदला चिरंजीवी के बेटे राम चरण जल्द ही सलमान की फिल्म ‘किसी का भाई, किसी की जान’ में एक खास भूमिका निभाकर अदा करते नजर आ सकते हैं।


निर्देशक मोहन राजा तेलुगू सिनेमा मे रीमेक मास्टर कहे जाते हैं। वह कमर्शियल सिनेमा के तयशुदा फॉर्मूलों वाली फिल्म बनाते हैं और अपने कलाकारों के साथ ज्यादा प्रयोग नहीं करते हैं। यही वजह है कि अपनी पिछली फिल्म ‘आचार्य’ में अपने बेटे राम चरण के साथ होने के बावजूद चिरंजीवी जो प्रभाव नहीं छोड़ पाए, उनका वह सिनेमाई करिश्मा यहां थोड़ा थोड़ा काम करता दिखता है। तेलुगू फिल्में देखने वालों के लिए यही सीटीमार परफॉरमेंस है। 67 साल के हो चुके चिरंजीवी परदे पर खुद को जिस अंदाज से पेश करना चाहते हैं, उसमें मोहन राजा और उनके स्टंट निर्देशकों ने उनकी काफी मदद की है। चिरंजीवी के सीने पर लकी नंबर 786 भी दिखता है। इस नंबर को हिंदी सिनेमा करीब करीब भूल ही चुका है।

फिल्म ‘गॉडफादर’ में इसके निर्देशक मोहन राजा की पकड़ कहानी पर अच्छे से बनती दिखती है और इंटरवल तक वह फिल्म को एक सुपरहिट फिल्म की तरफ ले जाते भी दिखते हैं लेकिन इंटरवल के बाद मामला पटरी से उतर जाता है और वह इसलिए क्योंकि मलयालम सिनेमा ठहराव का सिनेमा है जबकि तेलुगू और हिंदी सिनेमा रफ्तार का। मोहन राजा के पास एक रीमेक में प्रयोग करने की जितनी भी गुंजाइश रही, वह सब उन्होंने की लेकिन ठीक क्लाइमेक्स से पहले का गाना फिल्म को ढीला कर देता है। सलमान खान की एंट्री भी उनकी हिंदी फिल्मों जैसी ही है और उनकी अदाकारी भी। एक तरह से सलमान खान के फिल्म होने न होने का खास असर दिखता नहीं है।

चिरंजीवी से ज्यादा दमदार काम फिल्म में अभिनेता सत्यदेव का है। फिल्म ‘गाजी अटैक’ में हिंदी सिनेमा के दर्शक उन्हें देख चुके हैं और इसी महीने रिलीज होने जा रही अक्षय कुमार की फिल्म ‘रामसेतु’ में भी उनकी अदाकारी पर लोगों की नजरें टिकी रहेंगी। सत्यदेव ने एक धूर्त, निर्दयी और षडयंत्रकारी दामाद के रूप में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है। नयनतारा का नाम शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ के चलते हिंदी पट्टी में काफी मशहूर हो चुका है। उनका काम भी फिल्म मे प्रभावित करता है। मुरली शर्मा अपनी चिर परिचित सीमित अदाकारी को दोहराते दिखते हैं। हां, निर्देशक पुरी जगन्नाथ फिल्म के एक खास किरदार में अपना असर छोड़ जाते हैं।

हिंदी संस्करण का औसत आकर्षण
हिंदी सिनेमा के दर्शकों के लिए फिल्म ‘गॉडफादर’ एक औसत सी फिल्म है जिसे देखने का उनका मुख्य आकर्षण यानी सलमान खान की मौजूदगी फिल्म को हिंदी पट्टी में चला पाने में खास मददगार नहीं दिखती। फिल्म का तकनीकी पक्ष दक्षिण भारतीय सिनेमा की पहचान बन चुके सिनेमैटोग्राफी और एक्शन दृश्यों की तरह ही अच्छा है। लेकिन, फिल्म का संगीत हिंदी संस्करण में बेदम है। बैकग्राउंड स्कोर जरूर फिल्म का मूड बनाने में मदद करता है। करने को कुछ न हो तो ये फिल्म देखी जा सकती है।
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