रामेश्वरम में जन्मे कलाम बचपन में पायलट बनना चाहते थे लेकिन पारिवारिक कारणों से यह संभव न हो पाया। निराश कलाम ऋषिकेश चले गया, जहां उनकी मुलाकात स्वामी शिवानंद से हुई।
मिसाइल प्रोग्राम में भारत के अग्रणी देशों में शामिल होने के पीछे उनका बड़ा योगदान रहा। करोड़ों युवाओं के लिए मिसाइल मैन डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम एक मिसाल बन गए।