सिनेमाघरों में लगातार तीन फ्लॉप फिल्मों ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’, ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ और ‘अनेक’ की हैट्रिक लगा चुके आयुष्मान खुराना का सोशल कॉमेडी का फॉर्मूला इस बार फिल्म ‘डॉक्टर जी’ में कसौटी पर है।
तीन एपिसोड की सीरीज जैसी फिल्म अनुभूति ने जो बात कही, वह ध्यान रखने लायक है क्योंकि अब जो फिल्म ‘डॉक्टर जी’ दर्शक देख रहे हैं, वह उनकी और सुमित की फिल्म है। मूल लेखकों ने क्या लिखा था, शायद ही कभी पता चले।
शीबा चड्ढा की बेहतरीन अदाकारी फिल्म का दूसरा अध्याय शीबा चड्ढा के नाम है। वह यहां डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे ऐसे लड़के की मां के किरदार में हैं जिसे उनका बेटा अपने उस ‘बलिदान’ के बारे में चार बातें सुनाता है जो उसने अपनी अकेले रहने वाली मां के साथ रहने के लिए किए हैं।
शेफाली शाह फिर नंबर वन और, अब फिल्म का तीसरा अध्याय। इस पर भी एक फिल्म अलग से बन सकती है और ये अध्याय है चिकित्सा के पेशे में नैतिक मूल्यों की पहरेदारी का।
ये इन दिनों की नई बात है धारावाहिक ‘ये उन दिनों की बात है’ की किशोरी और उससे पहले फिल्म ‘दम लगा के हइशा’ की बाल कलाकार रहीं आयशा ने फिल्म ‘डॉक्टर जी’ 18 साल से पहले की उम्र में ही अपने से दूनी उम्र के शख्स के प्रेम में पड़ने वाली किशोरी का दमदार किरदार निभाया है।
खराब पैकेजिंग का खामियाजा फिल्म ‘डॉक्टर जी’ की कमजोर कड़ियों में इसका संगीत भी शामिल है। अमित त्रिवेदी ने अनुराग कश्यप की बहन की पहली फिल्म के नाते इसमें अपनी तरफ से पूरा जोर लगाने की कोशिश की है, लेकिन फिल्म का एक भी गाना फिल्म देखने के बाद अपनी छाप बनाए रखने में विफल रहता है।