Book: | National Council of Educational Research and Training (NCERT) |
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Board: | Central Board of Secondary Education (CBSE) |
Class: | 4 |
Subject: | Hindi |
Chapter: | 3 |
Chapters Name: | किरमिच की गेंद |
Medium: | English |
किरमिच की गेंद | Class 4 Hindi | NCERT Books Solutions
NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 3 प्रश्न-अभ्यास
NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 3 पाठ्यपुस्तक से
कहानी की बात
(क) दिनेश की माँ मशीन चलाते-चलाते बोलीं, “बेटा, कहाँ जा रहे हो?”
- दिनेश की माँ कौन-सी मशीन चला रही होंगी?
- तुमने इस मशीन को कहाँ-कहाँ देखा है।
उत्तर :-
- दिनेश की माँ सिलाई वाली मशीन चला रही होंगी।
- मैंने इस मशीन को अपने घर में और पड़ोस के घरों में देखा है।
(ख) दिनेश ने सारी सीताफल की बेल छान मारी।
- दिनेश क्या खोज रहा था?
- दिनेश को कैसे पता चला होगा कि क्यारी में वही चीज़ गिरी है?
उत्तर :-
- दिनेश वह चीज खोज रहा था जिसकी धम से गिरने की आवाज उसने सुनी थी।
- दिनेश ने अनुमान लगाया होगा कि क्यारी में वही चीज़ गिरी है।
(ग) दिनेश अच्छी तरह जानता था कि गेंद दीपक की नहीं है।
- दिनेश को यह बात कैसे पता चली कि गेंद दीपक की हो ही नहीं सकती?
- दीपक बार-बार गेंद को अपनी क्यों बता रहा होगा।
उत्तर :-
- दिनेश को पता था कि दीपक की गेंद पाँच महीने पहले खोई थी। और यह गेंद, बिल्कुल नई थी, चमचमाती हुई।
- दीपक की अपनी गेंद खो गई थी। इसलिए वह मिली हुई गेंद को हथियाना चाहता था।
गेंद किसकी
(क) दीपक ने गेंद को अपना बताने के लिए उसके बारे में कौन-कौन सी बातें बनाई?
उत्तर :-
दीपक ने गेंद को अपना बताते हुए बोला-उसकी गेंद पाँच महीने पहले खो गई थी। उसकी गेंद पर ऐसा ही लाल | रंग का निशान था, जैसा इस गेंद पर है। उसकी गेंद के टप्पे से भी ऐसी ही आवाज आती थी। वह अपने पापा से भी कहलवा सकता है कि यह गेंद उसी की है।
(ख) अगर दीपक और दिनेश गेंद के बारे में फैसला करवाने तुम्हारे पास आते, तो तुम गेंद किसे देतीं? यह भी बताओ कि तुम यह फैसला किन बातों को ध्यान में रखकर करतीं?
उत्तर :-
मैं गेंद दिनेश को देती क्योंकि वह (गेंद) उसी को मिली थी। दीपक झूठ बोल रहा था। वह किसी भी तरह गेंद हथियाना चाह रहा था।
गेंद की कहानी
गेंद स्कूटर के साथ कहीं चली गई।
उसके बाद गेंद के साथ क्या-क्या हुआ होगा? सोचकर बताओ।
उत्तर :-
स्कूटर वाले के घर के बच्चे नई गेंद देखकर खुश हो गए होंगे। वे गेंद लेकर तुरंत खेलने चले गए होंगे।
पहचान
मान लो तुम्हारा कोई खिलौना घर में ही कहीं खो गया है। तुमने अपने साथियों को घर पर बुलाया है ताकि सब मिलकर उसे खोज लें। तुम अपने खिलौने की पहचान के लिए अपने साथियों को कौन-कौन सी बातें बताओगी? लिखो।
उत्तर :-
मान लो कि वह खिलौना गुड़िया है। पहचान के लिए मैं अपने साथियों को बताऊँगी कि यह जापानी गुड़िया है। जो बिजली से नाचती है। वह गुलाबी फ्रॉक पहनी है। उसके बाल घने, लंबे और काले हैं। उसकी आँखें इस समय बंद होंगी।
कहाँ
सामने की क्यारी में भिंडियों के ऊँचे-ऊँचे पौधे थे।
एक ओर सीताफल की घनी बेल फैली हुई थी।
सीताफल की बेल होती है और भिंडी का पौधा बताओ और कौन-कौन सी सब्ज़ियाँ बेल और पौधे पर लगती है।
बेल | पौधा |
कद्दू | टमाटर |
तोड़ी | बैंगन |
करेला | मिर्च |
ककड़ी | पपीता |
मटर |
तरह-तरह की गेंदें
गेंदों के अनेक रंग-रूप होते हैं। अलग-अलग खेलों में अलग-अलग प्रकार की गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है। नीचे दी गई जगह में खेलों के अनुसार गेदों की सूची बनाओ।
उत्तर :-
क्रिकेट | किरमिच |
हॉकी | रबड़ |
फुटबॉल | चमड़ा |
बॉलिबाल | चमड़ा |
टेनिस | प्लास्टिक |
खोजो आस-पास
दिनेश चिक सरकाकर बरामदे की ओर भागा।
(क) चिक पर्दे का काम करती है पर चिक और पर्दे में फर्क होता है।
इन दोनों में क्या अंतर है? समूह में चर्चा करो।।
इसी तरह पता लगाओ कि इन शब्दों में क्या अंतर है?
- टहनी-तना
- पेड़-पौधा
- घूस-चूहा
- मुँडेर-चारदीवारी,
उत्तर :-
- टहनी – पेड़ की डाली।
तना – पेड़ का मुख्य भाग जो काफी मोटा होता है। - पेड़ – बड़ा और मजबूत होता है।
पौधा – छोटा और कमजोर होता है। - घूस – घूस बड़ा होता है।
चूहा – चूहा छोटा होता है। - मुँडेर – छत के चारों तरफ उठी दीवार मँडेर कहलाती है। यह अधिक ऊँची नहीं होती है।
चारदीवारी – घर या ‘जमीन को चारों ओर से घेरने के लिए उठाई गई दीवार। यह अधिक ऊँची होती है।
(ख) चिक सरकंडे से भी बनती है और तीलियों से भी।
सरकंडे से और क्या-क्या बनता है? अपने आसपास पता करो और लिखो।
उत्तर :-
सूप चटाई कलम टोकरी
क्लब बनाएँ।
मान लो तुम्हें अपने स्कूल में एक क्लब बनाना है जो स्कूल में खेल-कूद के कार्यक्रमों की तैयारी करेगा।
- इस क्लब में शामिल होने और इसको चलाने आदि के बारे में नियम सोचकर लिखो।
- तुम्हारे विचार से इस क्लब को अच्छी तरह चलाने के लिए नियमों की ज़रूरत है या नहीं? अपने जवाब का कारण भी बताओ।
उत्तर :-
क्लब में शामिल होने और इसको चलाने आदि के बारे में नियम-
- अनुशासन का ध्यान रखना होगा।
- मैनेजर की बात सभी को मानना होगा।
- खेल का अभ्यास करने के लिए प्रतिदिन शाम में आना होना।
- क्लब की देखभाल के लिए कुछ पैसे हर महीने देने होंगे।
- क्लब को सुचारु रूप से चलाने के लिए सबका सहयोग होना चाहिए।
क्लब को अच्छी तरह से चलाने के लिए कुछ नियमों की सख्त जरूरत होती है क्योंकि तभी वह ज्यादा दिनों तक टिक पाएगा।
एक, दो, तीन
दिनेश ने तिमंजिली इमारत की ओर देखा।
जिस इमारत में तीन मंज़िलें हों, उसे तिमंजिली इमारते कहते हैं।
बताओ, इन्हें क्या कहेंगे?
सब्ज़ी एक नाम अनेक
एक ही सजी या फल के नाम अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग होते हैं। नीचे ऐसे कुछ नाम दिए गए हैं।
सीताफल | कांदा | बटाटा | अमरुद | तोरी | शरीफ़ा |
काशीफल | बैंगन | नेनुआ | तरबूज | कुम्हड़ा | घीया |
- बताओ कि तुम्हारे घर, शहर या कस्बे में इनमें से कौन-कौन से शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं?
- बाकी नामों का इस्तेमाल किन-किन स्थानों पर होता है? पता करो।
उत्तर :-
- सीताफल, कांदा, अमरूद, तोरी, शरीफ़ा, बैंगन, तरबूज, घीया।
- काशीफल – उत्तर: प्रदेश
- कुम्हड़ा – उत्तर: प्रदेश
- नेनुआ – बिहार
- बटाटा – गुजरात
किरमिच की गेंद कहानी का सारांश
गर्मी की छुट्टियाँ थीं। दोपहर के समय दिनेश घर में बैठा कहानी पढ़ रहा था कि तभी बगीचे में धम से किसी चीज के गिरने की आवाज हुई। दिनेश तुरंत बगीचे की ओर दौड़ पड़ा। वहाँ उसने भिंडियों के पौधों को उलटा-पलटा, सीताफल की बेल छान मारी, परन्तु उसे कुछ मिला नहीं। ढूँढ़ते-ढूढ़ते अचानक उसकी निगाह घूस के गड्ढे के ऊपर गई। वहाँ एक नई चमचमाती किरमिच की गेंद पड़ी थी। उसने इधर-उधर देखा। सभी घरों के दरवाजे और खिड़कियाँ बंद थे। इसलिए दिनेश को लगा कि हो सकता है यह गेंद बाहर से आई हो। तभी माँ की आवाज सुनकर वह गेंद उठा लिया और कमरे के अंदर आ गया। ठंडे फर्श पर बिछी चटाई पर लेटकर वह सोचने लगा-भले ही यह गेंद मोहल्ले में से किसी की न हो, किन्तु ईमानदारी इसी में है कि एकबार सबसे पूछ लिया जाए।
गर्मी की छुट्टियाँ थीं। खेलने की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक क्लब बनाया हुआ था। शाम को सारे बच्चे यहीं एकत्रित हुए। दिनेश ने सबसे पूछा-मुझे एक गेंद मिली है। अगर तुममें से किसी की गेंद खो गई हो, तो वह गेंद की पहचान बताकर गेंद मुझसे ले सकता है। अनिल, सुधीर, दीपक सभी ने गेंद पर अपना अधिकार जताना शुरू किया। लेकिन दिनेश अच्छी तरह जानता था कि यह गेंद तीनों में से किसी की नहीं है। फिर भी दीपक बार-बार कहे जा रहा था-गेंद मेरी है और सिर्फ मेरी है। अनिल उसकी बात काटते हुए बोल पड़ा-क्या सबूत है कि यह गेंद तेरी ही है? फिर दोनों में ठन गई। दिनेश ने देखा कि झगड़ा बढ़ रहा है। गेंद हथियाने के लिए दीपक सुधीर और सुनील का सहारा ले रहा है। वह जानता था कि यदि गेंद दीपक के पास चली गई तो ये तीनों मिलकर खेलेंगे। अंत में वह गेंद दिखा दिया लेकिन साथ में यह भी कहा कि जो पक्का सबूत देगा, वही गेंद ले जाएगा। गेंद देखते ही दीपक बोल पड़ा-यही मेरी गेंद है। यह लाल रंग का निशान मेरी ही गेंद पर था। लेकिन उसकी बात पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा था। दीपक क्रोध में आ गया। उसने कहा-मैं इसे सड़क पर फेंक दूंगा। और उसने जैसे ही गेंद को सड़क पर फेंकने के लिए हाथ उठाया कि अनिल और दिनेश ने उसे पकड़ लिया। वास्तव में दिनेश का मन सबके साथ मिलकर उस गेंद से खेलने को कर रहा था। इसलिए उसने सबसे कहा-झगड़ा बाद में कर लेंगे। अपने-अपने बल्ले ले आओ, पहले खेल लें। पाँच मिनट के भीतर ही खेल आरंभ हो गया। दिनेश बल्लेबाजी कर रहा था। अभी दो-चार बार ही खेला था कि वह गेंद जोर से उछली और दरवाज़ा पार कर सड़क पर जाते हुए एक स्कूटर में बनी सामान रखने की जालीदार टोकरी में जा गिरी। तेज़ी से चलते हुए स्कूटर के साथ गेंद भी चली गई। बच्चे स्कूटर के पीछे भागे किंतु जल्दी ही रुक गए। वे समझ गए कि स्कूटर के पीछे भागना बेकार है। फिर वे सभी ठहाका मारकर हँस पड़े।
शब्दार्थ : चिक-बॉस की तीलियों से बना बड़ा परदा। बेल-लता। सुस्ता रही थीं-आराम कर रही थीं। चतुर-होशियार। सहारा लेना-मदद लेना। आज़माया-जाँचा। गुट-समूह, दल।
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