सत्रिया और बिहू नृत्य – कक्षा 6 हिंदी (मल्हार) – अध्याय 8
प्रश्न 1:
माँ एलेसेंड्रा के बारे में कौन-सा कथन सत्य है?
- वे असम के जीवन के बारे में बहुत कुछ जानती थीं।
- उन्हें असम, बिहू और सत्रिया नृत्य से बहुत प्रेम था।
- उन्होंने एंजेला को कुछ असमिया शब्द भी सिखाए।
- वे अपने कार्य में सहायता के लिए बेटी को लाई थीं।
उत्तर:
वे असम के जीवन के बारे में बहुत कुछ जानती थीं।
प्रश्न 2:
“अनु और एंजेला ने तुरंत एक दूसरे की तरफ़ देखा।” क्यों?
- अनु के पास खिलौने थे।
- दोनों की आयु एक समान थी।
- दोनों को अंग्रेज़ी भाषा आती थी।
- एंजेला अनु से असमिया भाषा सीखना चाहती थी।
उत्तर:
दोनों की आयु एक समान थी।
मिलाकर करें मिलान
नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं और उनके संबंधित वाक्य। शब्दों और वाक्यों का मिलान कीजिए।
स्तंभ 1
- सत्र
- बोहाग बिहू
- लंदन
- गुवाहाटी
- ब्रिटिश अकादमी
- बीसवीं शताबदी
स्तंभ 2
- ग्रेगरी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी 1901 से 31 दिसंबर 2000 तक का समय।
- ‘यूनाइटेड किंगडम’ और ‘इंग्लैंड’ की राजधानी।
- ‘यूनाइटेड किंगडम’ देश की एक सरकारी संस्था।
- असम में मनाया जाने वाला एक त्योहार, जो नए साल और बसंत के आगमन का प्रतीक है।
- भारत के असम राज्य का एक प्राचीन और सबसे बड़ा नगर है।
- ये असम के मठ हैं, जहां सत्रिया नृत्य की उत्पत्ति हुई है।
उत्तर:
1 → 6
2 → 4
3 → 2
4 → 5
5 → 3
6 → 1
पंक्तियों पर चर्चा
- “असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य-जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। इसके साथ असम में नृत्य की भी एक समृद्ध परंपरा है।”
उत्तर:
असम पूर्वोत्तर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, चाय बगान, रेशम और वन्य जीवन प्रसिद्ध हैं। असम में नृत्य की भी प्राचीन परंपरा है, जिसमें बिहू और सत्रिया जैसे नृत्य प्रमुख हैं। - “पूरी दुनिया की संस्कृतियों में लोग नृत्य और संगीत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।”
उत्तर:
नृत्य और संगीत पूरी दुनिया की संस्कृति का हिस्सा हैं। इनका उपयोग लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए करते हैं। हर संस्कृति में नृत्य और संगीत के माध्यम से खुशी, दुख, प्रेम और अन्य भावनाओं को व्यक्त किया जाता है।
सोच-विचार के लिए
- “एंजेला के मन में कई तरह के विचार चल रहे थे।” उसके मन में कौन-कौन से विचार चल रहे होंगे?
उत्तर:
एंजेला असम के उत्सव को देखकर हैरान थी। उसे वहां के नृत्य, संगीत और लोगों का पहनावा बहुत अच्छा लगा। उसे भी भारत में आकर नृत्य करने की इच्छा हुई और वह भारतीय नृत्य परंपरा के बारे में सोचने लगी। - “बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है।” कैसे?
उत्तर:
बिहू त्योहार खेती से जुड़ा हुआ है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है। पहले किसान बीज बोते हैं, फिर धान रोपते हैं और फिर फसल तैयार होने पर तीसरी बार बिहू मनाते हैं। यह त्योहार कृषि कार्यों की सफलता का प्रतीक है। - “ऐसा लगता है कि भारत से जाने के बाद भी एंजेला के मन में असम ही छाया हुआ था।” पाठ इस कथन के समर्थन के लिए कुछ उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर:
लंदन लौटने के बाद भी एंजेला असम की यादों से जुड़ी रही। वह हर समय असम के सत्रिया और बिहू नृत्य के बारे में सोचती और उसका अभ्यास करती रही। - समय के साथ सत्रिया नृत्य में क्या बदलाव आए हैं?
उत्तर:
पहले सत्रिया नृत्य केवल पुरुष ही करते थे, लेकिन अब महिलाएं भी इसे सीखने लगी हैं और मंच पर नृत्य करती हैं। आजकल सत्रिया नृत्य और भी विकसित हुआ है।
निबंध की रचना
“गुवाहाटी के एक होटल में सामान्य होने के बाद वे उसी शाम पा के एक गाँव मलंग में गए। गाँव पहुँचने पर माँ ने एंजेला को बताया कि बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है।”
इस वाक्य में असम की खूबसूरती और वहाँ के उत्सव का सरस वर्णन किया गया है। इस निबंध में घटनाओं का सरल तरीके से वर्णन किया गया है। पाठ में एंजेला और उसकी माँ की यात्रा की कहानी है, जो लंदन से भारत आकर असम के बिहू उत्सव का अनुभव करती हैं।
अनुमान या कल्पना से
- “बिहू नृत्य और इसके उत्सव से अचंभित एंजेला और उसके परिवार ने इसके साथ-साथ लजीज पकवानों का पूरा आनंद लिया।”
उत्तर:
एंजेला और उसका परिवार बिहू नृत्य और उत्सव के रंग में रंग गया था। उन्हें वहाँ के नृत्य, संगीत और खास पकवान बहुत अच्छे लगे थे, जो उनके लिए नए थे। - “जब तक एंजेला कुछ समझ पाती, तब तक वह लंदन से नई दिल्ली होते हुए गुवाहाटी की उड़ान पर थी।”
उत्तर:
एंजेला और उसकी माँ ने भारत की यात्रा से पहले सभी जरूरी तैयारी की थी। माँ ने एंजेला के स्कूल से छुट्टियां लीं, यात्रा के दस्तावेज तैयार किए और भारत में रुकने की जगह का इंतजाम किया। - “वहाँ एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे मंच बनाया गया था।”
उत्तर:
बरगद के पेड़ के नीचे मंच बनाना अच्छा विचार था क्योंकि यह पेड़ बहुत बड़ा और छायादार होता है। इसके नीचे लोग आराम से बैठ सकते थे, और यह सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था।
पत्र
(क) मान लीजिए आप एंजेला हैं। आप लंदन लौट चुकी हैं और आपको भारत की बहुत याद आ रही है। अपनी सखी को पत्र लिखकर बताइए अनु कि आपको कैसा अनुभव हो रहा है।
उत्तर:
प्रिय सखी,
नमस्कार!
मैं लंदन वापस आ चुकी हूं, लेकिन असम के बिहू और सत्रिया नृत्य की यादें अभी भी मेरे दिल में ताजगी से बसी हुई हैं। वहाँ का नृत्य, संगीत, और स्वादिष्ट भोजन मुझे हमेशा याद रहेगा। मुझे वहां के लोग और उनका प्रेम भी बहुत अच्छा लगा। मुझे आशा है तुम भी कभी असम आकर यह अनुभव जरूर करना।
तुम्हारी सखी,
एंजेला
अन्य प्रश्न
- “आपके घर में आपको प्यार से किन-किन नामों से पुकारा जाता है?”
उत्तर:
(यह उत्तर व्यक्तिगत हो सकता है, विद्यार्थी स्वयं उत्तर दें।) - “भारत में कौन-कौन से नृत्य प्रसिद्ध हैं?”
उत्तर:
भारत में विभिन्न प्रकार के नृत्य प्रसिद्ध हैं, जैसे:
- भरतनाट्यम (तमिलनाडु)
- Kathak (उत्तर भारत)
- Odissi (उड़ीसा)
- Bharatnatyam (कर्नाटका)
पूर्वोत्तर भारत की यात्रा
उत्तर:
पूर्वोत्तर भारत में असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर राज्य शामिल हैं। अगर आपको मौका मिले, तो इनमें से किसी राज्य की यात्रा करें, यह बहुत ही रोचक और सुंदर अनुभव होगा।
आज की पहेली
यहाँ कुछ असमिया पहेलियाँ दी गई हैं। इनमें से कुछ पहेलियाँ हो सकता है आपको घर में भी सुनी हों, जबकि कुछ नई होंगी। आइए, इन पहेलियों का आनंद लें।
झरोखे से
“असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य-जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है।”
असम का रेशम (मूँगा सिल्क) बहुत प्रसिद्ध है। इसे कैसे बनाया जाता है और यह क्यों खास है? जानने के लिए पढ़िए:
असम का प्रसिद्ध मूँगा सिल्क
कई साल पहले मेरी पोस्टिंग गुवाहाटी एयरपोर्ट पर हुई थी। वहाँ मुझे अक्सर महिलाएँ एक खास प्रकार की साड़ी पहने दिखती थीं। ये साड़ियाँ हल्के भूरे-सुनहरे रंग की होती थीं, जिन पर पारंपरिक कढ़ाई होती थी। एक दिन असम में शादी समारोह में गया, तो वहाँ भी महिलाएँ उसी तरह की साड़ियाँ पहने हुए थीं। मैंने एक असमी मित्र से पूछा, “यह क्या है?”
मित्र ने बताया कि यह साड़ी असम के प्रसिद्ध मूँगा सिल्क से बनी है, जो अन्य रेशमों से महँगा होता है। मूँगा सिल्क की सबसे बड़ी बात यह है कि यह सिर्फ असम और पूर्वोत्तर भारत में ही पाया जाता है। यह असम की एक खास देन है।
मूँगा सिल्क की साड़ियों की एक विशेषता है कि इन्हें ‘ड्राई क्लीन’ कराने की जरूरत नहीं होती है, इन्हें घर पर भी धो सकते हैं। हर धोने के बाद ये और सुंदर हो जाती हैं। एक साड़ी औसतन 50 साल तक खराब नहीं होती। मूँगा रेशम बहुत मजबूत होता है और इसे गर्मी या सर्दी, किसी भी मौसम में पहना जा सकता है। असम के लोग मानते हैं कि मूँगा सिल्क के कपड़ों में औषधीय गुण भी होते हैं।
सवाल और उत्तर (साधारण रूप में)
साझी समझ आपको इस लेख में कौन-सी जानकारी सबसे अच्छी लगी और क्यों? इस बारे में अपने दोस्तों से बात करें।
एकांकी से
प्रश्न 1:
सड़क के किनारे एक सुंदर फ्लैट में बैठक का दृश्य कैसा था?
उत्तर:
बैठक में कालीन बिछा था। सोफा सेट, फूलदान वाला तिपाही, और टेबल लैंप थे। कमरे में एक शीशे की मेज़ रखी थी, जिसमें अखबार और पत्रिकाएँ रखी थीं। दीवार पर दो सुंदर पेंटिंग थीं।
प्रश्न 2:
माँ मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ कहने पर क्यों घबराई?
उत्तर:
माँ घबराई क्योंकि मोहन कुछ बताता ही नहीं था, बस ‘ऐसे-ऐसे’ कर रहा था। माँ को लगा कि यह कोई नई बीमारी है और वह परेशान हो गई।
प्रश्न 3:
ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं, जिन्हें मास्टर जी एक बार सुनकर समझ जाते हैं?
उत्तर:
पेट दर्द, सिर दर्द, बुखार, स्कूल न जाना, शादी में जाना, माँ की बीमारी का बहाना, आदि।
प्रश्न 1:
मोहन ने पेट दर्द के बहाने कितनी बार बनाए और अगर सचमुच पेट में दर्द हुआ, तो क्या होता?
उत्तर:
मोहन ने कई बार पेट दर्द का बहाना बनाया। अगर सचमुच पेट में दर्द होता और लोग उसकी बात नहीं मानते, तो उसे और दुख होता क्योंकि कोई उसकी बात नहीं सुनता। इससे उसे यह समझ में आता कि झूठ बोलने से क्या नुकसान हो सकता है।
प्रश्न 2:
‘लोचा-लोचा फिरे है’ के बदले कैसे लिखा जा सकता है?
उत्तर:
ढीला-ढाला हो गया है या बहुत कमजोर हो गया है।
प्रश्न 3:
मान लीजिए तुम मोहन की तबियत पूछने जाते हो, तो बातचीत कैसी हो सकती है?
उत्तर:
मैं – “अरे मोहन! क्या हुआ है तुम्हें?”
मोहन – “कुछ नहीं भाई, बस पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है।”
मैं – “ऐसे कैसे?”
मोहन – “बस ऐसे-ऐसे।”
मैं – “डॉक्टर को दिखाया?”
मोहन – “हां, डॉक्टर और वैद्य दोनों से दिखाया है।”
मैं – “क्या कहा उन्होंने?”
मोहन – “कब्ज और बदहजमी है।”
मैं – “ठीक है, जल्दी ठीक हो जाओ।”
संकट के समय के लिए कौन से नंबर याद रखने चाहिए?
संकट के समय पुलिस, फायर ब्रिगेड और डॉक्टर के नंबर याद रखना चाहिए। पुलिस का नंबर 100, फायर ब्रिगेड का 101 और एंबुलेंस का 102 है। इन नंबरों को ध्यान में रखते हुए आप उनसे मदद मांग सकते हैं।
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
- ‘ऐसे-ऐसे’ एकांकी के लेखक कौन हैं?
- (ii) विष्णु प्रभाकर
- मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
- (iii) फल
- मास्टर जी को कौन से बहाने समझ आ जाते हैं?
- (iv) उपर्युक्त सभी
- वैद्य जी को बुलाकर कौन लाया?
- (i) मोहन की माँ
- मोहन किस तरह का लड़का था?
- (iv) शरारती
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
- मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
- मोहन ने एक केला और एक संतरा खाया था।
- वैद्य जी को बुलाकर कौन लाया?
- मोहन के पड़ोसी ने वैद्य जी को बुलाकर लाया था।
- वैद्य जी ने मोहन को देखकर क्या कहा?
- वैद्य जी ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है, यह मामूली बीमारी है।
- मोहन ने क्या बहाना बनाया?
- मोहन ने स्कूल न जाने के लिए पेट में दर्द होने का बहाना बनाया था।
- क्या मोहन के पेट में सचमुच दर्द था?
- नहीं, मोहन के पेट में कोई दर्द नहीं था, वह बस बहाना बना रहा था।
लघुउत्तरीय प्रश्न
- मोहन की माँ क्यों परेशान थी?
- मोहन की माँ परेशान थी क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि मोहन को क्या हो रहा है। वह ‘ऐसे-ऐसे’ बीमारी का नाम पहले कभी नहीं सुन पाई थी।
- मोहन की माँ क्यों कहती है- ‘हँसी की हँसी, दुख का दुख’?
- वह मोहन के पेट दर्द के बारे में पूछती है, और मोहन केवल ‘ऐसे-ऐसे’ कहता है, जिससे वह हँसते हुए भी दुखी हो जाती है।
- मास्टर जी को कौन से बहाने समझ आ जाते हैं?
- जैसे पेट दर्द, सिर दर्द, बुखार, स्कूल में सफाई का काम, रिश्तेदार की बीमारी आदि।
- वैद्य जी ने मोहन को क्या बीमारी बताई और दवा क्या दी?
- वैद्य जी ने कहा कि मोहन को कब्ज़ और वायु का प्रकोप है। उन्होंने उसे दवा की पुड़िया दी और कहा कि गर्म पानी के साथ दवा लें।
- डॉक्टर ने मोहन को क्या बीमारी बताई?
- डॉक्टर ने कहा कि मोहन को कब्ज़ और बदहजमी है, लेकिन वह जल्द ठीक हो जाएगा।
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