Chapter 8 जामुन का पेड़

 
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 11th Class
Subject: Hindi Aroh
Chapter: 8
Chapters Name: जामुन का पेड़
Medium: Hindi

जामुन का पेड़ Class 11 Hindi Aroh NCERT Books Solutions

 

जामुन का पेड़ (अभ्यास प्रश्न)

प्रश्न 1. बेचारा जामुन का पेड़। कितना फलदार था। और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थी।
क) यह संवाद कहानी के किस प्रसंग में आए हैं?
यह पंक्ति सेक्रेटेरिएट में जामुन का पेड़ एक अनजान व्यक्ति के ऊपर गिरने पर एक क्लर्क ने दूसरे क्लर्क से बात कही। पेड़ के गिरने पर कुछ देर पश्चात उस व्यक्ति के चारों और भीड़ जमा हो गई।
ख) इससे लोगों की कैसी मानसिकता का पता चलता है?
इस संवाद द्वारा लोगों की स्वार्थपूर्ण मानसिकता का पता चलता है। लोगों को जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति की अपेक्षा फलदार पेड़ से मिलने वाली जामुनों की चिंता है। इसलिए वे दबे व्यक्ति की अपेक्षा जामुन के पेड़ के लिए ‘बेचारा’ शब्द का प्रयोग करते हैं।
प्रश्न 2. दबा हुआ आदमी एक कवि है यह बात कैसे पता चली और इस जानकारी का फाइल की यात्रा पर क्या प्रभाव पड़ा?
माली से बात करते हुए दबे हुए व्यक्ति ने एक शेर सुनाया कि:
यह तो माना कि तगाफुल न करोगे लेकिन
खाक हो जाएँगे हम तुमको ख़बर होने तक।।
इस शेर को दबे हुए आदमी के मुँह से सुनकर माली आश्चर्यचकित रह गया। उसके कवि होने की बात सेक्रेटेरिएट तक पहुंच गई और उसके बाद उसकी फाइल सांस्कृतिक विभाग में भेज दी गई। उन्होंने सांस्कृतिक विभाग से अनुरोध किया कि दबे हुए व्यक्ति को पेड़ के नीचे से निकाला जाए।
प्रश्न 3. कृषि विभाग वालों ने मामले को हॉर्टिकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे क्या तर्क दिया?
कृषि विभाग वालों ने मामले को हॉर्टिकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे तर्क दिया कि यह एक फलदार पेड़ का मामला है। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट का अधिकार केवल अनाज व खेती-बाड़ी के मामले में फैसला करने का है। इस पेड़ का मामला उद्यान विभाग के अंतर्गत आता है।
प्रश्न 4. इस पाठ में सरकार के किन किन विभागों की चर्चा की गई है और पाठ से उनके कार्य के बारे में क्या अंदाजा मिलता है?
इस पाठ में सरकार के व्यापार विभाग, विदेश विभाग, कृषि विभाग, चिकित्सा विभाग, उद्यान विभाग, सांस्कृतिक विभाग, वन विभाग आदि की चर्चा की गई है। पाठ में इन सभी विभागों के कार्यों की असंतोषजनक स्थिति स्पष्ट होती है। सभी विभाग अपने कार्य न करके दूसरों पर थोपना चाहते हैं। व्यक्ति को पेड़ के नीचे से निकालने का कार्य शीघ्र करने का था परंतु कोई भी शीघ्र कदम उठाना तो दूर, काम करना ही नहीं चाहते थे। सभी विभागों के कर्मचारी अकर्मण्य, आलसी, असूझबूझपूर्ण तथा संवेदनशून्य प्रतीत होते हैं। अंत में दबे हुए व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

जामुन का पेड़ (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)

प्रश्न 1:
‘जामुन का पेड़’ पाठ का प्रतिपाद्य बताइए।
उत्तर-
जामुन का पेड़ कृश्नचंदर की प्रसिद्ध हास्य व्यंग्य कथा है। हास्य व्यंग्य के लिए चीजों को अनुपात से ज्यादा फैला फुलाकर दिखलाने की परिपाटी पुरानी है और यह कहानी भी उसका अनुपालन करती है। इसलिए इसकी घटनाएँ अतिशयोक्तिपूर्ण और अविश्वसनीय लगने लगती हैं। विश्वसनीयता ऐसी रचनाओं के मूल्यांकन की कसौटी नहीं हो सकती। यह पाठ यह स्पष्ट करता है कि कार्यालयी तौर तरीकों में पाया । जाने वाला विस्तार कितना निरर्थक और पदानुक्रम कितना हास्यस्पद है। यह व्यवस्था के संवेदनशून्य व अमानवीयता के रूप को भी बताता
प्रश्न 2:
माली को दबे हुए आदमी से सहानुभूति होने का क्या कारण था?
उत्तर-
माली का काम लॉन में लगे पेड़-पौधों की देखभाल करना था। रात की आँधी में सचिवालय के लॉन में खड़ा पेड़ गिर गया तथा उसके नीचे एक आदमी दब गया। माली ने विभाग को इसकी सूचना दे दी, जब तक पेड़ नहीं हटता, तब तक माली की ड्यूटी उसकी देखभाल की थी। इसलिए उसे पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति से सहानुभूति हो गई। वह जल्द से जल्द इस समस्या से भी छुटकारा पाना चाहता था।
प्रश्न 3:
जामुन का पेड़ गिरा देखकर क्लर्क ने क्या प्रतिक्रिया की?
उत्तर-
लॉन में जामुन का पेड़ गिर गया। उसे देखकर क्लर्क को दुख हुआ, क्योंकि अब उसे उसके मीठे फल खाने को नहीं मिलेंगे। उसे पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति की कोई चिंता नहीं थी।
प्रश्न 4:
माली ने दबे हुए आदमी को बाहर निकालने के लिए क्या शर्त लगाई?
उत्तर-
माली सरकारी कर्मचारी था। अगर वह स्वयं उस व्यक्ति को निकालने का निर्णय लेता तो ऊपर के अधिकारी उसे परेशान करते। अतः उसने अपनी परेशानी को देखते हुए सुपरिंटेंडेंट साहब से इजाजत लेने की बात कही। उसने कहा कि अगर सुपरिंटेंडेंट साहब हुक्म दें तो अभी । पंद्रह बीस माली, चपरासी और क्लर्क लगाकर पेड़ के नीचे से दबे हुए आदमी को निकाला जा सकता है।
प्रश्न 5:
हॉर्टीकल्चर विभाग का जवाब व्यंग्यपूर्ण क्यों था?
उत्तर-
हॉर्टीकल्चर विभाग के सचिव ने जवाब दिया कि उनका विभाग पेड़ लगाओ अभियान में जोर-शोर से जुटा हुआ है। ऐसे में किसी भी अधिकारी को पेड़ काटने की बात नहीं सोचनी चाहिए। जामुन फलदार पेड़ है। अतः फलदार पेड़ को काटने की अनुमति कदापि नहीं दे सकते। लेखक व्यंग्य करता है कि ऐसे अफसरों को अपनी नीतियों, फलों की अधिक चिंता रहती है, व्यक्ति की जान की नहीं।
प्रश्न : 6
पेड़ के बजाय आदमी को काटने की सलाह पर टिप्पणी करें।
उत्तर-
एक मनचले क्लर्क ने सलाह दी कि यदि जामुन के फलदार पेड़ को बचाने की जरूरत है तो उसके नीचे दबे आदमी को काटकर निकाल लो, फिर उसे प्लास्टिक सर्जरी से जोड़ दिया जाएगा। इस तरीके से पेड़ भी बच जाएगा। यह सुझाव सरकारी बाबुओं की संवेदनशून्यता पर चोट करती है। ये ऊट-पटांग सुझाव देते हैं ताकि अफसर खुश रह सके।
प्रश्न : 7
साहित्य अकादमी के सचिव ने शायर को क्या बताया?
उत्तर-
उसने शायर को बताया कि तुम्हें केंद्रीय शाखा का सदस्य चुन लिया गया है और तुम्हारे मरणोपरांत तुम्हारी बीवी को वजीफा दिया जाएगा। परंतु हमारा विभाग पेड़ के नीचे से तुम्हें नहीं निकाल सकता। यह काम साहित्य अकादमी का नहीं है। हालाँकि हमने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को लिख दिया है और अजेंट लिखा है।

जामुन का पेड़ (पठित गद्यांश)

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
1, ‘क्या मुश्किल है?’ माली बोला, ‘अगर सुपरिंटेंडेंट साहब हुक्म दें, तो अभी पंद्रह-बीस माली, चपरासी और क्लर्क लगाकर पेड़ के नीचे से दबे हुए आदमी को निकाला जा सकता है। माली ठीक कहता है, बहुत से क्लर्क एक साथ बोल पड़े ‘लगाओ ज़ोर, हम तैयार हैं। एक साथ बहुत से लोग पेड़ को उठाने को तैयार हो गए। ठहरो।” सुपरिंटेंडेंट बोला, ‘मैं अंडर-सेक्रेटरी से पूछ लें।” सुपरिटेंडेंट अंडर-सेक्रेटरी के पास गया। अंडर सेक्रेटरी डिप्टी सेक्रेटरी के पास गया। डिप्टी सेक्रेटरी ज्वाइंट सेक्रेटरी के पास गया। ज्वाइंट सेक्रेटरी चीफ़ सेक्रेटरी के पास गया। चीफ सेक्रेटरी मिनिस्टर के पास गया। मिनिस्टर ने चीफ़ सेक्रेटरी से कुछ कहा। चीफ़ सेक्रेटरी ने ज्वाइंट सेक्रेटरी से कु0 कहा। ज्वाईट सेक्रेटरी ने डिप्टी सेक्रेटरी से कहा। डिप्टी सेटरी ने अंडर सेक्रेटरी से कहा। फाइल चलती रही। इसी में आधा दिन बीत गया।
प्रश्न
1. माली ने क्या सुझाव दिया क्यों?
2 इस अश में किस पर व्यय किया गया है?
3 काम करने के तरीके के विषय में अपनी राय बताइए?
उत्तर-
1. माली ने सुझाव दिया कि अगर सुपरिंटेंडेंट साहब हुक्म दें तो पंद्रह बीस आदमी मिलकर पेड़ के नीचे से दबे हुए आदमी को निकाला जा सकता है। वह दबे हुए आदमी के बारे में चिंतित था।
2 इस अंश में सरकारी कार्यालयों की कामटानू कार्यशैली पर व्यंग्य किया गया है। सरकार में हर व्यक्ति एक-दूसरे पर जिम्मेवारी टालता है। वे संवेदनशील विषयों पर भी शीघ्र निर्णय नहीं लेते और कागजी कार्यवाई में व्यस्त रहते हैं।
3. काम करने के तरीके के बारे में मेरी राय है कि हर काम को सहजता तथा आडंबररहित तरीके से करना चाहिए। मानवीय सहानुभूति के कामों में तो कागजी कार्यवाई न्यूनतम होनी चाहिए।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
2. दोपहर के खाने पर दबे हुए आदमी के चारों और बहुत भीड़ हो गई थी। लोग तरह-तरह की बातें कर रहे थे। कुछ मनचले क्लकों ने समस्या को खुद ही सुलझाना चाहा। वे हुकूमत के फैसले का इंतजार किए बिना पेड़ को अपने आप हटा देने का निश्चय कर रहे थे कि इतने में सुपरिंटेंडेंट फाइल लिए भागा-भागा आया। बोला- हम लोग खुद इस पेड़ को नहीं हटा सकते। हम लोग व्यापार-विभाग से संबंधित है, और यह पेड़ की समस्या है, जो कृषि विभाग के अधीन है। मैं इस फाइल को अजेंट मार्क करके कृषि विभाग में भेज रहा हूँ वहाँ से उत्तर आते ही इस पेड़ को हटवा दिया जाएगा।’
प्रश्न
1. कहाँ और क्यों भीड़ इकट्ठी हो गई
2. मनचले क्लर्क शिन्हें कहा गया है? क्यों?
3. क्लर्क पेड़ को हटाने में क्यों नहीं सफल हो सके?
उत्तर-
1. सचिवालय में रात को आँधी आने से एक पेड़ गिर पड़ा तथा उसके नीचे एक व्यक्ति दब गया। वह जीवित था। दफ्तर में खबर फैली तो दोपहर के भोजन के समय उस दबे हुए व्यक्ति के चारों तरफ भीड़ इकट्ठी हो गई।
2. मनचले क्लर्क उन्हें कहा गया जो पेड़ के नीचे दबे आदमी की पीड़ा को समझकर सहायता करने के लिए तत्पर थे। अफसरों की नजर में ये लोग अनुशासनहीन थे, क्योंकि वे अफसरों की जी हजूरी नहीं करते थे।
3. क्लर्क पेड़ हटाने का निर्णय ले चुके थे। वे सरकारी आदेश की प्रतीक्षा नहीं कर सकते थे। तभी सुपरिटेंडेंट फाइल लेकर आया और कहा कि यह समस्या कृषि-विभाग की है हमारी नहीं। अत: क्लर्क पेड़ हटाने में सफल नहीं हो सके।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
3. हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट का सेक्रेटरी साहित्य-प्रेमी आदमी जान पड़ता था। उसने लिखा था, ‘आश्चर्य है. इस समय जब हम पेड़ लगा स्कीम ऊँचे स्तर पर चला रहे हैं, हमारे देश में ऐसे सरकारी अफसर मौजूद हैं जो पेड़ों को काटने का सुझाव देते हैं, और वह भी एक फलदार पेड़ को, और वह भी जामुन के पेड़ को, जिसके फल जनता बड़े चाव से खाती है। हमारा विभाग किसी हालत में इस फलदार वृक्ष को काटने की इजाजत नहीं दे सकता।’
प्रश्न
1. हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के सचिव को क्या कहा गया हैं। उसने क्या टिप्पणी की।
2. हॉटकल्चर डिपार्टमेंट ने किस बात की इजाजत नहीं दी और क्र्यो?
3 इस गद्यांश में किस व्यवस्था पर व्यग्य किया गया है?
उत्तर-
1. हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी को साहित्य-प्रेमी कहा गया है। उसने टिप्पणी की कि इस समय हम ‘पेड़ लगाओ स्कीम बड़े स्तर पर चला रहे हैं। ऐसे में किसी सरकारी अफसर द्वारा पेड़ काटने की बात हास्यास्पद है।
2. हॉर्टीकल्चर विभाग ने जामुन का पेड़ काटने की इजाजत नहीं दी, क्योंकि यह पेड़ फलदार है और इसके फल जनता बड़े चाव से खाती है।
3. इरा गद्यांश में लालफीताशाही का पता चलता है। सरकारी विभागों में तालमेल नहीं होता तथा हर विभाग अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहता है। उनमें संवेदनशीलता नहीं होती।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
4. दूसरे दिन माली ने चपरासी को बताया, चपरासी ने क्लर्क को, क्लर्क ने हैड क्लर्क की। थोड़ी ही देर में सेक्रेटेरियंट में यह अफ़वाह फैल गई कि दबा हुआ आदमी शायर है। बस, फिर क्या था। लोगों का झुंड का झुंड शायर को देखने के लिए उमड़ पड़ा। इसकी चर्चा शहर में भी । फैल गई और शाम तक गली-गली से शायर जमा होने शुरू हो गए। सेक्रेटेरियेट का लॉन भाँति-भाँति के कवियों से भर गया और दबे हुए। आदमी के चारों ओर कवि सम्मेलन का-सा वातावरण उत्पन्न हो गया। सेक्रेटेरियेट के कई क्लर्क और अंडर-सेक्रेटरी तक जिन्हें साहित्य और कविता से लगाव था, रुक गए। कुछ शायर दबे हुए आदमी को अपनी कविताएँ और दोहे सुनाने लगे। कई क्लर्क उसको अपनी कविता पर- आलोचना करने को मजबूर करने लगे।
प्रश्न
1. माली ने दूसरे दिन क्या सूचना दी? उसका क्या परिणाम हुआ?
2. सरकारी कर्मचारियों ने क्या काम करना शुरू कर दिया?
3. इस गद्यांश में निहित व्यग्य स्पष्ट करें।
उत्तर-
1. माली ने दूसरे दिन बताया कि दबा हुआ आदमी शायर है। यह अफवाह पूरे सचिवालय तथा शाम तक शहर की गली-गली में यह चर्चा फैल गई। दबे व्यक्ति के आसपास तथाकथित साहित्यकारों की भीड़ इकट्ठी होने लगी।
2. सरकारी कर्मचारियों को जैसे ही पता चला कि पेड़ के नीचे दबा हुआ व्यक्ति शायर है तो सचिवालय के साहित्य प्रेमी क्लर्क और अंडर सेक्रेटरी, वहाँ रुक गए। कुछ ने उसे अपनी कविताएँ व दोहे सुनाए तो कुछ उससे अपनी कविता पर टिप्पणी करने को विवश तक करने लगे।
3. इस गद्यांश में मानवीय संवेदनहीनता का यथार्थ रूप दिखाया गया है। लोग दबे हुए कवि को देखने आते हैं, परंतु उसे बचाने का प्रयास नहीं करते। वे तमाशबीन हैं। साहित्य जगत के लोग भी अपनी शायरी के लिए समय-असमय का ध्यान नहीं रखते। सरकारी कर्मचारी हर स्थिति में आम व्यक्ति का शोषण करते हैं।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
5. ‘यह हम नहीं कर सकते।’ सेक्रेटरी ने कहा, ‘और जो हम कर सकते थे, वह हमने कर दिया है, बल्कि हम तो यहाँ तक कर सकते हैं कि अगर तुम मर जाओ, तो तुम्हारी बीवी को क्ज़ीफा दे सकते हैं, अगर तुम दरख्वास्त दो, तो हम वह भी कर सकते हैं।’ ‘मैं अभी जीवित हैं।” कवि रुक रुककर बोला, ‘मुझे जिंदा रखो।’ ‘मुसीबत यह है, सरकारी साहित्य अकादमी का सेक्रेटरी हाथ मलते हुए बोला, ‘हमारा विभामबसिर्फ कल्चर से संबंधित है। पेड़ काटने का मामला कलम दवात से नहीं, आरी कुल्हाड़ी से संबंधित है। उसके लिए हमने फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट को लिख दिया है और अजेंट लिखा है।
प्रश्न
1. सचिव कया काम नहीं कर सकता?
2. कल्चर विभाग क्या कार्य कर सकता हैं?
3. साहित्य अकादमी के सचिव की क्या मजबूरी है?
उत्तर-
1. सचिव दबे हुए शायर के ऊपर गिरे पेड़ को नहीं हटवा सकता था। क्योंकि यह उसके विभाग के कार्यक्षेत्र से बाहर का काम है।
2. कल्चर विभाग शायर को अपनी अकादमी का सदस्य बना सकता है। अगर शायर की मृत्यु हो जाए तो वह उसकी पत्नी को वज़ीफा भी दे सकता है।
3. साहित्य अकादमी के सचिव की मजबूरी है कि उनका कार्यक्षेत्र केवल कल्चर तक है। पेड़ काटने का मामला कलम-दवात से नहीं, आरी कुल्हाड़ी से संबंधित है। वे शायर को बचाने के लिए वन विभाग को लिखते हैं।

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